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15 October 2016

कुछ लोग-37

कुछ लोग
कुछ लोगों को समझ कर
खुद से नीचा
और खुद को
ऊंचा मान कर
न जाने किस गुमान में
हरदम खोए रह कर
सोए रहते हैं
गहरी नींद में
जो जब टूटती है
तब एहसास दिलाती है
उस अंतर का
जो होता है
घमंड
और स्वाभिमान में
शैतान
और इंसान में
पर उस अंतर को समझने में
हो जाती है कभी कभी देर
कि बस अपने अंधेरे में
खोए रह जाते हैं
कुछ लोग
हमेशा के लिए।

~यशवन्त यश ©

1 comment:

  1. अँधेरा कितना भी घना हो प्रकाश की एक किरण ही पर्याप्त है उसे मिटने के लिए..जीवन प्रतिपल बाहें फैलाये स्वागत को खड़ा है..

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