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14 January 2016

सच है कि ज़माना बदल जाता है

सूरज
जो कभी पहाड़ों
और पेड़ों की ओट से निकलता था
अब ऊंची मीनारों
और मकानों की छतों निकल कर
इतराता है
सच है कि ज़माना बदल जाता है ।
~यशवन्त यश©

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