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20 January 2014

गर शब्द बंद हो सकते होते किसी लॉकर में ........

गर शब्द
बंद हो सकते होते
किसी लॉकर में
तो लोग सहेज कर रखते
सोने के गहनों की तरह
बैंक खातों में .....
काले
कभी सफ़ेद धन का
रूप ले कर
सोच की
जंग लगी अलमारी में
सिकुड़े बैठे
रहते ...
उस दिन की प्रतीक्षा में
जब बाहर निकाले जाते
दहेज में देने को
या
आयकर के छापे में
जब्त होने को

काश !
कि ऐसा हो सकता होता
वास्तविकता के धरातल पर ...
तो इंसान
न कह सकता होता
सब कुछ
जो कह देता है
ईर्ष्या
कभी स्नेह से
न बना सकता होता
मन के कोरे कैनवास पर
कोई तस्वीर

गर शब्द
बंद हो सकते होते
किसी लॉकर में
तो अभिव्यक्ति
न बन सकती होती
अनुभूति
गहरी अंधेरी रात में
टिमटिमाते तारों से आती
मद्धिम रोशनी की।

~यशवन्त यश©

19 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति...

    From : •٠• Education Portal •٠•

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  2. खुबसूरत अभिव्यक्ति ..... आशु कवि हो गए आप ..... आशुतोष कि कृपा बनी रहे .....
    शब्द हमारी पीढ़ी में किसी ने नहीं गढ़े लेकिन हक हमारी पढ़ी के लोग ज्यादा जमा रहे हैं
    हार्दिक शुभकामनायें .....

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (21-01-2014) को "अपनी परेशानी मुझे दे दो" (चर्चा मंच-1499) पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. sach kaha, achhi abhivyakti

    shubhkamnayen

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  5. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति.

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  6. आपकी लिखी रचना बुधवार 22/01/2014 को लिंक की जाएगी...............
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
    आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  7. सुन्दर प्रस्तुति.शब्दों का कोई दायरा नहीं.उन पर कोई बंधन नहीं.

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  8. गर शब्द बंद हो गये-----तो अभिव्यक्ति
    सुंदर सम्भावनाओं की अनहोनी अभिव्यक्ति.
    वैसे तो शब्दों से भी सुम्दर अभिव्यक्ति हो सकती है हमारी आंखों से,स्पर्श से---

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  9. jiska ye original thought sabs epahle usko salaam .. aisa khyaal kabhi door door bhi dimaag mein nahi aaya aur us ek line ko aapne itna badiya explain kar diya iske liye claps

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  10. बहुत बढ़िया उम्दा रचना पढ़ने को मिली ..

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  11. बहुत गहन विचार से भरपूर रचना |

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  12. बहुत लाजवाब ... शब्द सबके साझा होते हैं ... बोलने वाले के होते हैं ...

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  13. बहुत सुंदर ...शब्दो् पर कोई बंधन नहीं....

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  14. gar shabd hote kisi lokar men band
    mere gam ke dhuaen mujhe ghont dete..

    punah padhkar yunhi aa gya..........

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  15. वाह, यूँही कहते कहते गहरी बात कह दी आपने!

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  16. बहुत सुन्दर प्रस्तुति .. शब्द बंद हो सकते अगर लौकर में तो शायद लोग सोने चांदी की तरह उसे भी बंद कर देते ..

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