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02 May 2013

रंग दूँ बे रंग फूलों को

 
(चित्र:प्रियंका जी की फेसबुक वॉल से )
खुशियों के रंग से
रंग दूँ
बे रंग फूलों को
जिनमें हो ताजगी
और हमेशा मुस्कुराहट हो

इनकी खुशबू में डूबी हुई
महकती फिज़ाओं में
बसंत भी ज़िद्द करे
बस यहीं ठहर जाने को
खुशियों के रंग से
रंग दूँ
बे रंग फूलों को
और अपनी दुनिया में
हंसती रहूँ
काँटों से पार पाने को ।

 

~यशवन्त माथुर©

6 comments:

  1. Prritiy dabral
    bahut hi pyari rachna hai, sakaratmak, man bhayi
    shubhkamnayen

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  2. Saras Darbari
    आज की ज़रुरत ...!!!

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  3. sangeeta swarup
    खूबसूरत खयाल

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  4. Maheshwari Kaneri
    कितना अच्छा होता सब तरफ रंग ही रंग हो कोई भी कहीं भी बेरंग न हो... सुन्दर प्रस्तुति..

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  5. DrNisha Maharana
    bahut sundar klpna aamin.....

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  6. कालीपद प्रसाद
    -बढ़िया प्रस्तुति
    डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
    अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
    lateast post मैं कौन हूँ ?
    latest post परम्परा

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