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03 May 2013

अगर वो पाक होता.....

अगर वो पाक होता
तो क्यों नापाक होता
मगर वो नापाक है
तो और क्या करता
वो सोता नहीं हमारी तरह
 'मौन' की चादर में
'चीन' छीन कर चैन*
 न यूं ही अड़ा होता
एक अरब में एक 'सरब'
गर उसके मोल को समझा होता
अपना लड़का अपने घर को
आज न 'ऐसे' लौटा होता
न मंज़र दर्दनाक होता
न दौर शर्मनाक होता
अगर वो पाक होता,
तो क्यों नापाक होता  ?

~यशवन्त माथुर©
 ----
*छीन छीन कर चैन भी पढ़ सकते हैं  

14 comments:

  1. indira mukhopadhyay
    sunar, samyik aur sateek abhivyakti.

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  2. sangeeta swarup
    दो टूक बात ..... पाक पाक होता तभी न ।

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  3. Anulata Raj
    सच.................
    सबके अपने कानून........

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  4. vibha rani Shrivastava
    अद्धभुत अभिव्यक्ति
    God Bless U

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  5. Nihar Ranjan
    निर्लज्ज की क्या बात. सुन्दर अभिव्यक्ति.

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  6. ASHISH RASTOGI
    Pakistan nahin Yash, Napakistan!
    Ashish

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  7. Maheshwari Kaneri
    दर्दनाक मंज़र, शर्मनाक दौर ..

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  8. sandhya sharma
    अगर वो पाक होता,
    तो क्यों नापाक होता ?
    सटीक...

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  9. vandana gupta
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार(4-5-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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  10. Neeraj Kumar
    bahut hi sundar abhvyakti.

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  11. Jaikrishna Rai Tushar
    सामयिक और अच्छी कविता |

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  12. aruna kudesia
    वो सोता नहीं हमारी तरह
    'मौन' की चादर में
    'चीन' छीन कर चैन*.....................अच्छा बहुत अच्चा .......

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  13. Pankaj Kumar Sah
    शर्मनाक

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  14. बहुत ही अच्‍छी रचना।

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