प्रतिलिप्याधिकार/सर्वाधिकार सुरक्षित ©

इस ब्लॉग पर प्रकाशित अभिव्यक्ति (संदर्भित-संकलित गीत /चित्र /आलेख अथवा निबंध को छोड़ कर) पूर्णत: मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित है।
यदि कहीं प्रकाशित करना चाहें तो yashwant009@gmail.com द्वारा पूर्वानुमति/सहमति अवश्य प्राप्त कर लें।

21 January 2013

कलम.....

.
न कुछ सोच कर
न कुछ समझ कर
कुलबुलाती कलम तो बस
यूं ही चलती है
कागज की राहों पर

कागज की राहों पर
जिनका आदि तो निश्चित है
पर अनिश्चित अन्त तक
पहुँचते पहुँचते
क्या क्या रच देगी कलम
कुछ स्याह कुछ सफ़ेद
शायद उसे भी पता नहीं

कलम वरदान है
अभिशाप भी है
अनोखा पुण्य है
और पाप भी है 

कलम मंत्र है
अजान,अरदास और प्रार्थना है
कलम जीवन है
और मौत की याचना है

न कुछ सोच कर 
न कुछ समझ कर 
शब्द सीमाओं के परे
कागज़ की मायावी दुनिया में
पंछी की तरह उड़ती है कलम
बस कुछ उँगलियों में जकड़ कर !

©यशवन्त माथुर©

11 comments:

  1. कलम वरदान है
    अभिशाप भी है
    अनोखा पुण्य है
    और पाप भी है

    यकीनन .....

    ReplyDelete
  2. बस इसकी निरंतरता बरकरार रखिये यशवंत भाई. सुन्दर भाव.

    ReplyDelete
  3. शब्द सीमाओं के परे
    कागज़ की मायावी दुनिया में
    पंछी की तरह उड़ती है कलम

    और रचती है रचना आपकी लाजबाब !!

    शुभकामनायें :))

    ReplyDelete
  4. बहुत सुन्दर रचना...

    ReplyDelete
  5. प्रभावशाली ,
    जारी रहें।

    शुभकामना !!!

    आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज़)
    आर्यावर्त में समाचार और आलेख प्रकाशन के लिए सीधे संपादक को editor.aaryaavart@gmail.com पर मेल करें।

    ReplyDelete
  6. कलम यूँ ही चलती रहे... इतिहास, वर्तमान, भविष्य रचने का सामर्थ्य रखती है यह कलम...लाजबाब रचना...शुभकामनाये

    ReplyDelete
  7. कलम मंत्र है
    अजान,अरदास और प्रार्थना है
    कलम जीवन है
    और मौत की याचना है

    सही कहा है..कलम के बल पर ही जीवित हैं सूर, कबीर तुलसी...

    ReplyDelete
  8. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 22/1/13 को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका वहां स्वागत है

    ReplyDelete
  9. केंद्र बिंदु, मष्तिक है मेरा
    नये विषय का,लगता फेरा
    लिखता जो,मेरा मन करता
    मेरी कलम से,कायर डरता,,,

    recent post : बस्तर-बाला,,,

    ReplyDelete
  10. बहुत बढ़िया .... वैसे अभी की बोर्ड वाली कविता पढ़ कर आ रही हूँ ...

    ReplyDelete
+Get Now!