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16 December 2011

तकिया कलाम

कहते हैं खाली दिमाग शैतान का घर होता है और जब शैतान सिर पर सवार हो जाए तो बचना मुश्किल होता है। इसी मनः स्थिति मे लिखी गयी बे सिर पैर की यह पंक्तियाँ प्रस्तुत हैं--

एक शब्द
जो अक्सर
रह रह कर
आता रहता है
जुबां पर
कभी जाने
कभी अनजाने
हर देश, काल
परिस्थिति मे
सिद्ध करता हुआ
अपनी सार्वभौमिकता
उम्र और रिश्तों के
शिष्टाचार को तोड़ता हुआ
हर बंधन से स्वतंत्र
हर प्रतिक्रिया की
क्रिया में
अदृश्य रूप मे सदृश्य
कभी कारण
कभी अकारण
उस एक शब्द को
जिसे चाहता है
हर खास ओ आम
कहलाता है
तकिया कलाम :)

34 comments:

  1. :-) वाह...
    ना जाने कितने तकिये कलाम ज़ेहन में आ गए.

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  2. bahut rochak hai bina sir pair ki nahi kah sakte.

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  3. लगता है बेसिर , पर यह मुझे झंझावात लगता है ... जाने क्यूँ !

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  4. बस ऐसा समझें की कई बार यूँ भी होता है.....!!

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  5. true... takiya kalam well expresed !!

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  6. यश्वंस्त बेसिर पैर की पंक्तियों में भी कुछ असर तो होता ही है पर यहाँ तो तकिया कलाम निकल आया

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  7. bahut achchha topic....
    aur usase achchhe shabdon mein shadha hai...

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  8. कल १७-१२-२०११ को आपकी कोई पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  9. हाँ नहीं तो ........तकिया कलम का उदाहरण :-)

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  10. बहुत बढि़या :)

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  11. सच कहा ,बहुत सुन्दर...

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  12. hahaha Bhai wah!!!

    Apko Salaam jo likha apne Takiya Kalaam!!!

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  13. तकिया कलाम.. बहुत बढ़िया.

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  14. वो क्या कहते हैं........
    कोई शक़ .........
    खामोश.........
    कसम से........
    तमाम........
    याने कि........
    तकिया कलाम

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  15. आपकी बेसिर पैर की पंक्तियाँ तो काम की लग रही हैं.......

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  16. यशवंत जी आपको सलाम
    सुंदर लगा तकिया कलाम..!!!!!!!!बहुत सुंदर पोस्ट मेरी रचना पढ़ने के लिए काव्यान्जलि मे click करे

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  17. sabkaa apnaa apnaa takiya-kalaam. bahut sundar shabd-bhaav, badhai.

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  18. काफी गहरी अभिव्यक्ति है ....

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  19. yun hi likhi gayee ye kavita to bahut sundar hai

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  20. achhi aur sargarbhit v vyaktitva ko paribhashit karti post thanx

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  21. achhi aur sargarbhit v vyaktitva ko paribhashit karti post thanx

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  22. आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!

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