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22 November 2011

ज़मीन जैसा हूँ......

आईने मे आज फिर
अपना चेहरा देखा
कल किसी ने
इसे बेदाग कहा था
और मुझे घेर दिया था
गहरी सोच मे
क्या यह सचमुच बेदाग है?
क्या बदलते वक़्त के साथ
बीतती उम्र के साथ
वही कोमलता बाकी है?
नहीं!
नहीं हूँ मैं बे दाग
तमाम चोटों के
खरोचों के निशान
इसकी गवाही दे रहे हैं ।

खुद को ज़मीन जैसा पाता हूँ मैं
अपने पैरों तले
जिसे कुचल कर
चोटें दे देकर
वक़्त बढ़ता चला जा रहा है
चलता चला जा रहा है
अपनी राह

उम्र के बढ्ने के साथ
पुराने होते चोटों के निशान
अब भी दिख रहे हैं
आईने मे
और आने वाली चोटें
तलाश रही हैं अपनी जगह
मेरे चेहरे पर !

45 comments:

  1. उम्र के बढ्ने के साथ
    पुराने होते चोटों के निशान
    अब भी दिख रहे हैं
    आईने मे
    और आने वाली चोटें
    तलाश रही हैं अपनी जगह
    मेरे चेहरे पर !
    उम्र का हर दौर कुछ नया और अर्थपूर्ण ज़रूर लाता है .....सुंदर रचना ...जन्मदिन की शुभकामनायें ...

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  2. हैप्पी बर्थ डे टू यू यशवंत भैया ...पता है आप भी मुझे सेम टू यू कह सकते :)

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  3. वक़्त की लकीरें होती हैं चेहरे पर... बहुत ही गहरे एहसास हैं

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  4. शानदार.....बेहतरीन.........हैट्स ऑफ इसके लिए |

    चैतन्य की टिप्पणी के अनुसार शायद आपका जन्मदिन है आज........अगर वाकई ऐसा है तो आपको हमारी और से भी जन्मदिन की ढेरो शुभकामनाये |

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  5. वाह ...बहुत खूब ।

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  6. सब से पहले यशवंत जी आपको जन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं ... उसके बाद इस उम्दा रचना के लिए ... बहुत बहुत आभार !

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  7. कल 23/11/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्‍वागत है, चलेंगे नहीं तो पहुचेंगे कैसे .. ?..
    धन्यवाद!

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  8. उम्र के बढ्ने के साथ
    पुराने होते चोटों के निशान
    अब भी दिख रहे हैं
    आईने मे...............अन्दाज ही नही था कि इस विषय पर भी कुछ लिखा जा सकता है
    खूब बन पड़ा...........आनन्द आ गया

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  9. आईने मे आज फिर
    अपना चेहरा देखा
    कल किसी ने
    इसे बेदाग कहा था...

    सच कहा होगा... आँखे भी सब कुछ पढ़ लेती हैं... बहुत सुंदर रचना ...जन्मदिन की शुभकामनायें ...

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  10. उम्र का हर पड़ाव ...गहरी सोच और अर्थ लिए हुए ...गंभीर लेखनी ...

    जन्म का दिन मुबारक हो ...

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  11. खुद को ज़मीन जैसा पाता हूँ मैं
    अपने पैरों तले
    जिसे कुचल कर
    चोटें दे देकर
    वक़्त बढ़ता चला जा रहा है
    चलता चला जा रहा है
    अपनी राह

    गहन अभिव्यक्ति ..

    जन्मदिन की शुभकामनाएँ

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  12. बहुत सुंदर रचना , शुभकामनायें जन्मदिन की |

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  13. सुंदर सुंदर सुंदर ...जन्मदिन की शुभकामनायें....!

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  14. सिर्फ चोटों के दाग ही दिखे न दिखा किसी के आशीष का स्पर्श, स्नेह की छुअन...कबीर को याद नहीं किया ज्यों की त्यों रख दिनी चदरिया...सुंदर कविता !

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  15. उम्र के बढ्ने के साथ
    पुराने होते चोटों के निशान
    अब भी दिख रहे हैं
    आईने मे
    और आने वाली चोटें
    तलाश रही हैं अपनी जगह
    मेरे चेहरे पर !

    Bahut khub yashwantji...

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  16. sundar kavita :)
    n happy wala bday ji :)

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  17. yashwant ji janmadin par behateen parastuti....

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  18. क्या बदलते वक़्त के साथ
    बीतती उम्र के साथ
    वही कोमलता बाकी है?
    नहीं!...........बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति है यशवंत, फिर से जन्मदिन की मुबारकबाद

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  19. सब से पहले यशवंत जी को जन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं ...............बहुत संवेदनशील रचना।

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  20. चिंतन चलता रहे सफ़र के साथ!

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  21. अच्छे शब्द है

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  22. गहरी अभिव्यक्ति ...जन्मदिन की ढेर साडी बधाई और शुभकामनाएँ

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  23. बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति है....
    जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाये .....

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  24. बहुत ही खुबसूरत शब्द रचना.....

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  25. गहन अभिव्यक्ति ..बढ़िया

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  26. गहरे भाव लिए बेहतरीन अभिव्यक्ति .... उम बढ्ने के साथ कोई बेदाग नहीं रहता... इस पूरी ज़िंदगी में यदि कुछ साफ,निर्मल,कोमल,कुछ रहता है तो वो है केवल बचपन ....

    ReplyDelete
  27. उम्र के बढ्ने के साथ
    पुराने होते चोटों के निशान
    अब भी दिख रहे हैं
    आईने मे
    और आने वाली चोटें
    तलाश रही हैं अपनी जगह
    मेरे चेहरे पर !

    ....उम्र अपने निशाँ छोडती ही है चहरे पर..बहुत गहन अभिव्यक्ति..जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें..

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  28. बहुत सुंदर रचना ............जनम दिन की भी बहुत सी बधाई

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  29. यशवंत जी -आपको जन्मदिन की ढेरों शुभकामनायें .
    बार बार दिन ये आये
    बार बार दिल ये गाए
    तुम जियो हजारो साल
    ये मेरी है आरजू

    शिखा
    शालिनी

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  30. जन्मदिन पर वक़्त की खरोंचे नहीं देखी जाती वक़्त की रंगतें देखी जाती हैं. आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत मुबारकबाद और शुभकामनाएँ.

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  31. यशवंत जी -आपको जन्मदिन की ढेरों शुभकामनायें ...बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति है

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  32. gahan ..aur bahut sunder abhivyakti ...

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  33. सुन्दर,भावपूर्ण रचना.
    जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  34. बहुत अच्छी प्रस्तुति.चोटों के निशाँ ..खरोचों के निशाँ ....सब शेष रह जाते हैं,सच!!

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  35. wakayee chehra to zindgi ke har padaw ka aaina hota hai.........

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  36. यशवंत जी,
    आपको जीवन अंकुरण दिवस पर हार्दिक मंगल कामनाएं
    बहुत सुंदर रचना
    मेरी नई पोस्ट में स्वागत है

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  37. यसवंत जी आपको जन्म दिन बहुत बहुत बधाई ....
    बहुत ही सुंदर कविता
    मेरे नए पोस्ट में आपका स्वागत है

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  38. उम्र के बढ्ने के साथ
    पुराने होते चोटों के निशान
    अब भी दिख रहे हैं
    आईने मे
    और आने वाली चोटें
    तलाश रही हैं अपनी जगह
    मेरे चेहरे पर !

    बहुत खूबसरती से लिखा है ..जिंदगी की सच्चाई को ..बधाई

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  39. और आने वाली चोटें
    तलाश रही हैं अपनी जगह
    मेरे चेहरे पर !


    क्या बात कही है यशवंत जी....
    सादर बधाई स्वीकारें इस बेहतरीन रचना के लिये...

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  40. बहुत सुन्दर यथार्थ परक कविता ! आप को जन्म दिन की बधाई !

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  41. क्या बदलते वक़्त के साथ
    बीतती उम्र के साथ
    वही कोमलता बाकी है?
    नहीं!बहुत ही अच्छी प्रस्तुति जीवन की सच्चाई के साथ।

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  42. बेदाग़ तो आज चाँद भी नहीं है ... यथार्थ लिखा है आपने ..

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  43. आप सभी की टिप्पणियों और जन्मदिन पर अमूल्य स्नेह और आशीर्वाद हेतु तहे दिल से शुक्रिया। इसे आगे भी बनाए रखिएगा।

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