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07 November 2010

धन्यवाद !

जब दीपों से जगमग
हो रहा था अपना घर -आँगन
जब आतिशबाजी से गूँज रहा था
क्या धरती और क्या गगन

जब मुस्कराहट थी हमारे चेहरों पर
उल्लास द्विगुणित तन मन में
द्वारे द्वारे दीप  जले जब
लक्ष्मी पूजन ,अर्चन, वंदन में

तब कोई था जो डटा  हुआ था
घर से बहुत दूर खड़ा हुआ था
सीना ताने अड़ा हुआ था
सीमा पर वो बिछा हुआ था

ओ! भारत के वीर सिपाही
धन्यवाद और तुम को नमन
और कुछ मैं कर नहीं सकता
बस स्वीकार करो ये  अभिनन्दन!


(मैं मुस्कुरा रहा हूँ..)

16 comments:

  1. उनसभी भाइयो को आज भाईदूज पर मेरा सलाम ....

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  2. ओ! भारत के वीर सिपाही
    धन्यवाद और तुम को नमन
    और कुछ मैं कर नहीं सकता
    बस स्वीकार करो ये अभिनन्दन!

    Beautiful !

    .

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  3. बहुत सुन्दर भाव ...मेरा भी उन वीर सिपाहियों को नमन

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  4. Only you can think dis way..wen v ol r busy publicisin our sorrows..ma salute to u

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  5. बहुत ही अच्छे भाव हैं.... हमारे उन सभी भाइयों का तहेदिल से अभिनन्दन

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  6. चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना 09-11-2010 मंगलवार को ली गयी है ...
    कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया

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  7. बहुत ही सुन्दर भाव!
    दीपावली मुबारक !

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  8. हमारा भी अभिनन्दन शामिल करें !

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  9. Monaliji ne Yashwant ko salute diya vah bahaut zyada hai.Yashwant ne apna farz poora kiya tha uske liye Shubhkamnayen paryaapt thin.Yashwant ne jaisa mujh se aur mere pitaji arthat apne Grand Father se jo suna -samjha-seekha usi ke anusaar Sainikon tatha Gareeb -Mazdooron ke prati sahanubhooti rakhta hai aur aisa use karna hee chahiye.Uske G.F.2nd World War me gaye aur unhone apne Medal use khelne ko de diye,in sab baton ka uske mastishk per asar hai.
    Monaliji samet sabhee jano se nivedan hai ki Yashwant ke doosre blog JEEVAN PARICHAY per uski prarthana ko sweekaar karte hue apna -apna PARICHAY Post karne ki kripa karen .DHANYAWAD.

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  10. हमारे वीर सिपाहियों को मेरा भी सैल्यूट......

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  11. बहुत सुंदर भाव रचना का... हमारे देश के वीर सिपाहियों को प्रणाम ...

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  12. बहुत ही सुन्दर भाव वीर सिपाहियों को नमन

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  13. sundar rachna!!!
    ye bhaavna stutya hai!!!
    naman!!!

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  14. अपने सुख के पलों में दूसरों के दर्द महसूसना, यही तो जिंदगी को असाधारण बना देता है. बेहद भावमयी प्रस्तुति. आभार.
    सादर,
    डोरोथी.

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  15. हमारे देश के वीर सिपाहियों को प्रणाम ...

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  16. बहुत खूब ...गहरे भाव ! शुभकामनायें !

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